गंगेश्वर महादेव मंदिर केन्द्र शासित प्रदेश दीव में स्थित प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर दीव द्वीप के पश्चिमी भाग में स्थित है, जो अरब सागर में है। गंगेश्वर महादेव मंदिर को दीव का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है और इसे श्रद्धालुओं द्वारा बहुत मान्यता प्राप्त है। मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है, और यहां पर भक्त भगवान शिव की पूजा और अर्चना करते हैं।
जब मंदिर पानी में डूबता है
इस मंदिर की विशेषता यह है कि जब तालाब के पानी का स्तर ऊँचा होता है, तब मंदिर भी पानी में डूब जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब मंदिर पानी में डूबता है, तो इसे भगवान शिव के नाचने का रूप माना जाता है। गंगेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण पुरातन काल में हुआ था और इसकी मूल नींव को गोवा के उद्यानों और उद्यानकारी शिल्प से जोड़ा जाता है। मंदिर का आकर्षक स्थानिक डिज़ाइन और शांतिपूर्ण वातावरण सभी का मन मोह लेता है।
प्रवेश द्वार अत्यंत सुंदर
दीप समुद्र तटों के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ गंगेश्वर महादेव मंदिर को एक आध्यात्मिक और धार्मिक स्थल के रूप में भी प्रस्तुत करता है। मंदिर के पास वृक्षों और पौधों का एक छोटा उद्यान है जो आत्मा को शांति और स्थिरता का एक आनंदप्रद अनुभव प्रदान करता है। मंदिर का प्रवेश द्वार अत्यंत सुंदर है और उसकी वास्तुकला राजस्थानी और मुग़ल शैली को मिश्रित करती है। मंदिर के आंगन में स्थित नागदेवता का मंदिर भी है, जो मंदिर की धार्मिक महत्ता को और बढ़ाता है।
त्रिमूर्ति रूप में शिवलिंग
मंदिर में शिवलिंग की प्रतिष्ठा है, जो भगवान शिव के प्रतीक रूप में पूजा जाता है। शिवलिंग को त्रिमूर्ति रूप में दिखाया जाता है, जिसमें भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर की प्रतिष्ठा की जाती है। यह मूर्ति स्थिर है और मंदिर के गर्भगृह में स्थापित है, जिसे श्रद्धालुओं द्वारा पूजा जाता है। गंगेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग के साथ-साथ भगवान शिव के विभिन्न अन्य अंग भी प्रतिष्ठित हैं। उनमें से कुछ महत्वपूर्ण अंग शिव के त्रिशूल, दमरू, खड़ग, नंदी बैल, वृषभ रथ आदि हैं, जो मंदिर की संपूर्णता और शिव की महिमा को प्रतिष्ठित करते हैं। शिवलिंग को नियमित रूप से स्नान, अभिषेक और पूजा के लिए सजाया जाता है। भक्तों की पूजा-अर्चना के द्वारा वे अपने मनोभावना और आराधना का अभिव्यक्ति कर सकते हैं। इसके साथ ही, मंदिर में प्रार्थनाओं, आरती और भजनों का आयोजन भी किया जाता है, जो भक्तों को आनंद और ध्यान का सामर्थ्य प्रदान करते हैं।
गंगेश्वर महादेव मंदिर को धार्मिक उत्सवों के लिए भी प्रसिद्धता हासिल है। महाशिवरात्रि के दिन, मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और उन्हें धार्मिक आयोजनों, कीर्तन और पूजा का आनंद लेने का अवसर मिलता है। यहां आने वाले श्रद्धालु भक्तों की संख्या मंदिर के महत्व और प्रासादिक अर्थ की दृष्टि से निरंतर बढ़ रही है।
अगर आप दीव जाने का इरादा रखते हैं, तो गंगेश्वर महादेव मंदिर आपके यात्रा का एक महत्वपूर्ण स्थान हो सकता है। यह एक धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल होने के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। आपको यहां एक शांतिपूर्ण और धार्मिक माहौल मिलेगा जहां आप भगवान शिव की पूजा और ध्यान कर सकते हैं।
दीव पहुंचने के बाद, आपको मंदिर तक पहुंचने के लिए दीप द्वीप के आकर्षक पथ से गुजरना होगा। रास्ते में आपको दीव के सुंदर समुद्र तट और मनोरम वनस्पति का आनंद लेने का मौका मिलेगा। मंदिर पहुंचने पर आपको पवित्र अनुभव के लिए ध्यान केंद्र और मंदिर के प्रांगण में आराम करने का विकल्प मिलेगा। जब तालाब का पानी मंदिर को डूबाने लगता है, तो यह अद्वितीय दृश्य देखने लायक होता है। आप इस अवसर पर मंदिर के पास खड़े होकर भगवान शिव के नाचने का दर्शन कर सकते हैं।
सर्वाधिक उपयुक्त समय
दीव जाने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त समय नवंबर से फरवरी तक होता है, जब मौसम शान्त और सुहावना होता है। इस समय दीव पर्यटन की अच्छी ऋतु होती है और श्रद्धालु आसानी से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। यह एक अद्वितीय अनुभव हो सकता है जब आप गंगेश्वर महादेव मंदिर के शांतिपूर्ण और माध्यमिक वातावरण में शिव की आराधना कर सकते हैं।
यदि आप आध्यात्मिकता, प्राकृतिक सौंदर्य और महादेव की आराधना के प्रति रुचि रखते हैं, तो गंगेश्वर महादेव मंदिर, दीव आपके लिए एक आदर्श स्थान हो सकता है। यह एक सामरिक यात्रा, प्राकृतिक अनुभव और आध्यात्मिक आनंद का एक अद्वितीय संगम है।
गंगेश्वर महादेव मंदिर, दीव में कैसे पहुंचे?
गंगेश्वर महादेव मंदिर, दीव को पहुंचने के लिए आप इन तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
हवाई मार्ग: आप मुंबई, अहमदाबाद, जम्मू, या कोचीन से दीव द्वीप तक उड़ान भरकर पहुंच सकते हैं। दीव द्वीप पर हवाई चार्टर सेवाएं उपलब्ध होती हैं जो आपको मंदिर के निकटस्थ हवाई चौकस्थली तक पहुंचा सकती हैं।
समुद्री मार्ग: दीव द्वीप को समुद्र मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है। मुंबई, जम्मू, अहमदाबाद या कोचीन से दीव द्वीप तक नौकायान या समुद्री जहाज के माध्यम से यात्रा कर सकते हैं। दीव के निकटस्थ समुद्री घाट तक पहुंचने के बाद, आपको दीव मंदिर तक सड़क मार्ग से जाना होगा।
रेल मार्ग: दीव द्वीप तक सीधे रेल से नहीं जाया जा सकता है, लेकिन आप रेल मार्ग का उपयोग करके निकटतम रेलवे स्टेशन तक पहुंच सकते हैं। आप द्वारका, जामनगर, उमरसदण्ड, वेरावल, वाडनगर आदि निकटतम रेलवे स्टेशन तक पहुंचकर वहां से दीव जा सकते हैं।
सड़क मार्ग
मुंबई से: आप मुंबई से दीव तक सड़क मार्ग का उपयोग करके पहुंच सकते हैं। मुंबई से वेस्टर्ण एक्सप्रेस हाईवे (NH-48) का उपयोग करें और दीव के लिए ये हाईवे अहमदाबाद, बड़ौदा, राजकोट, द्वारका, और जामनगर के माध्यम से जाता है। इस रास्ते पर चलते हुए आपको दीव के पास पहुंचने के लिए उपयुक्त रास्ता चुनना होगा।
गुजरात से: अगर आप गुजरात से आ रहे हैं, तो दीव तक पहुंचने के लिए गुजरात स्टेट हाईवे 25 (NH-25) का उपयोग कर सकते हैं। यह हाईवे अहमदाबाद से लेकर दीव तक जाता है और बाद में गुजरात स्टेट हाईवे 6 (NH-6) पर जारी रहता है जो दीव को भी आपकी यात्रा का हिस्सा बनाता है।
द्वारका या जामनगर से: द्वारका या जामनगर शहर से आप गंगेश्वर महादेव मंदिर, दीव के लिए भी सड़क मार्ग का उपयोग कर सकते हैं।
Gangeshwar Mahadev Temple, Diu on Google Map

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