पाण्डवों की पत्नी द्रौपदी का स्वयंवर इसी स्थान पर हुआ था
उत्तरप्रदेश के फर्रूखाबाद जिले में स्थित कम्पिल नगर फर्रूखाबाद से 45 किमी की दूरी पर है।
कम्पिल नगर का उल्लेख रामायण—महाभारत काल में मिलता है। माना जाता है कि पाण्डवों की पत्नी द्रौपदी का स्वयंवर इसी स्थान पर हुआ था।
जैन धर्म में कम्पिल नगर का विशेष स्थान है। जैन के तेरहवें तीर्थंकर श्री 1008 विमल नाथ ने इसी नगर में अपने जीवन का बहुत समय व्यतीत किया था। भगवान श्री 1008 विमल नाथ के चार कल्याणक गर्भ, जन्म, तप एवं ज्ञान कल्याणक इस नगर में हुये थे।
क्षेत्र पर बने मन्दिर जी का निर्माण विक्रम संवत् 594 में हुआ था। मन्दिर जी की मूल प्रतिमा भगवान श्री 1008 विमल नाथ जी की है। मन्दिर जी में कांच का सुन्दर कार्य हुआ है तथा जैन धर्म से सम्बन्धित भित्ति चित्र भी बने हुये हैं।
क्षेत्र के निकट शौरीपुर बटेश्वर यहां से लगभग 150 किमी की दूरी है तथा अहिच्छेत्र पार्श्वनाथ इस स्थान से 180 किमी की दूरी पर स्थित है। कायमगंज से क्षेत्र पर जाने के साधन मिलते हैं
मन्दिर जी में चैत्र कृष्णा अमावस्या, चैत्र शुक्ला तृतीया तथा असोज कृष्णा द्वितीय को विशेष कार्यक्रम होते हैं।क्षेत्र पर रूकने के लिये धर्मशाला है।
मन्दिर में दर्शन का समय:
मन्दिर में दर्शन सूर्य उदय से सूर्य अस्त तक किए जा सकते हैं।
Shri DigambarJain Kampilji Uttar Pradesh , on Google Map
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कैसे पहुंचें (How To Reach)अपने स्वयं के वाहन से जाना उचित होगा ।
सड़क: कायमगंजा 10 Km
रेलवे स्टेशन: कायमगंज 10 KM

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