जैन मन्दिर जी के पास है 33 मीटर ऊंचा स्तूप
श्री दिगम्बर जैन मन्दिर सिंहपुरी जिसे सारनाथ के नाम से जाना जाता है, उत्तरप्रदेश के वाराणसी से केवल 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सारनाथ को भगवान गौतम बुद्व के द्वारा प्रथम उपदेश दिये जाने के स्थान के कारण जाना जाता है। जैन धर्म के अनुसार भी यह स्थान विषेष महत्व रखता है। जैन धर्म के 11वें तीर्थकंर भगवान 1008 श्रेयांसनाथ के यहां चार कल्याणक हुये थे। भगवान श्री 1008 श्रेयांसनाथ के जो चार कल्याणक हुये थे, वे हैं— गर्भ कल्याणक, जन्म कल्याणक, तप कल्याणक व केवज्ञान कल्याणक।
इस मन्दिर जी का निर्माण वर्ष 1824 मेें होना बताया जाता है। मन्दिर जी में मुख्य प्रतिमा भगवान श्री 1008 श्रेयांसनाथ की है। मन्दिर जी की दीवारों पर जैन धर्म से सम्बन्धित चित्रकारी की हुई है।
जैन मन्दिर जी के पास ही 33 मीटर ऊंचा स्तूप है जिसका निर्माण लगभग 2200 तक वर्ष किया गया था। मन्दिर जी में अवास की व्यवस्था है तथा तीर्थ श्रेत्र वाराणसी के पास होने के कारण आवास की कोई परेशानी नहीं है। वाराणसी से पाण्डेपुर-आशापुर होते आसानी से पहुंचा जा सकता है। मन्दिर जी के निकटतम अन्य दिगम्बर क्षेत्र भेलपुर 14 किलोमीटर, भदैनी घाट-15 किलोमीटर, चन्द्रपुरी-15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। क्षेत्र में फाल्गुन कृषण 14 व श्रावण शुक्ला 15 को प्रतिवर्ष मेला लगता है
मन्दिर में दर्शन का समय:
मन्दिर में दर्शन सूर्य उदय से सूर्य अस्त तक किए जा सकते हैं।
Shri DigambarJain Mandir Singhpuri (Sarnath) Uttar Pradesh , on Google Map
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कैसे पहुंचें (How To Reach)अपने स्वयं के वाहन से जाना उचित होगा ।
सड़क: वाराणसी केंटा 10 Km
रेलवे स्टेशन: वाराणसी केंट 10 KM

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