नारायण धाम, उज्जैन (Narayan Dham, Ujjain)

श्रीकृष्ण-सुदामा मंदिर, नारायण धाम, महिदपुर, उज्जैन, मध्यप्रदेश


इस मंदिर में कृष्ण के साथ होती है उनके मित्र सुदामा की पूजा

जहां मित्रता की बात आती है वहां सबसे पहले भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मिसाल दी जाती है। आज हम आपको श्रीकृष्ण और सुदामा को समर्पित मंदिर के बारे में बता रहे है। इस मंदिर में कृष्ण के साथ उनके परममित्र सुदामा की पूजा होती है।

कृष्ण-सुदामा के देश में दो मंदिर प्रमुख है। इनमें एक गुजरात के पोरबंदर में और दूसरा मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले की महिदपुर तहसील से करीब नौ किलोमीटर दूर स्थित है। महिदपुर स्थि​त कृष्ण-सुदामा मंदिर सबसे प्राचीन बताया जाता है। इस मंदिर को नारायण धाम के रूप में जाना जाता है। अब इसे मित्र स्थल के रूप में भी पहचान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सुदामा अत्यधिक गरीब थे और उनकी दोस्ती भगवान श्रीकृष्ण से गुरु सांदीपनि के आश्रम में हुई। कहा जाता है कि एक दिन गुरु माता ने श्रीकृष्ण व सुदामा को लकड़ियां लाने के लिए भेजा। आश्रम लौटते समय तेज बारिश शुरू हो गई और श्रीकृष्ण-सुदामा ने एक स्थान पर रुक कर विश्राम किया। मान्यता है कि नारायण धाम वही स्थान है जहां श्रीकृष्ण व सुदामा बारिश से बचने के लिए रुके थे तथा सुदामा ने श्रीकृष्ण के हिस्से के चने खाये थे । इस मंदिर के आसपास पेड़ पौधों के बारे में मान्यता है कि ये उन्ही लकड़ियों के गट्ठर से फले-फूले है जो कृष्ण और सुदामा ने एकत्र किए थें।


मन्दिर में दर्शन का समय:
सुबह 5 बजे से 9 बजे तक ।

Jain golden temple, Falna, Pali, on Google Map

कैसे पहुंचें (How To Reach)

सड़क: उज्जैन 6 किमी

रेलवे स्टेशन: उज्जैन 6 किमी
उज्जैन से साधन उपलब्ध है ।
Share on Google Plus

About travel.vibrant4.com

हमारा प्रयास है कि हम भारत के हर मंदिर की जानकारी पाठकों तक पहुंचाएं। यदि आपके पास ​किसी मंदिर की जानकारी है या आप इस वेबसाइट पर विज्ञापन देना चाहते हैं, तो आप हमसे vibrant4india@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।

1 comments :

Popular Posts