यहां स्थापित हैं हस्तलिखित 2400 करोड़ गायत्री मंत्र



मां गायत्री तपोभूमि, वृंदावन मार्ग, मथुरा (Maa Gayatri Tapobhumi, Mathura)

श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में मां गायत्री की तपोभूमि भी स्थित है। इसे दुनिया का सबसे पुराना गायत्री मंदिर माना जाता है। यहां प्रतिदिन साधकों द्वारा विश्व कल्याण के लिये गायत्री साधना की जाती है। यह गायत्री साधना का विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक केन्द्र है।

जानकारी के अनुसार इस तपोभूमि की स्थापना व मां गायत्री की प्राण प्रतिष्ठा वेदमूर्ति पंडित श्री राम आचार्य ने की। स्थापना के समय यहां अनेक साधकों द्वारा 24 लाख गायत्री मंत्र का जाप और सवा लाख गायत्री चालीसा का पाठ किया गया। माना जाता है कि यहां देशभर के प्रमुख 24 तीर्थों के जल से ​परिशोधित हस्तलिखित 2400 करोड़ गायत्री मंत्र स्थापित हैं।

इस तपोभूमि की यज्ञशाला में हिमालय के सिद्धयोगी की धूनी की साढ़े सात सौ वर्ष पुरानी अखंड अग्नि लगातार प्रज्ज्वलित है। बताया जाता है कि वर्ष 1958 में यहां सहस्त्रकुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन हुआ था, जिसमें 24 लाख व्यक्तियों ने भाग लिया। यहां सभी के लिए नि:शुल्क यज्ञ व्यवस्था है और इसके लिए धोती पहनना अनिवार्य है।
मन्दिर में दर्शन का समय:
गायत्री माता एवं भगवान महाकालेश्वर के दर्शन सुबह साढ़े पांच से रात्रि 9 बजे तक अनवरत होते हैं।

Maa Gayatri Tapobhumi, Mathura, Uttar Pradesh on Google Map


कैसे पहुंचें (How To Reach)
दिल्ली से दक्षिण भारत या मुम्बई जाने वाली सभी ट्रेनें मथुरा होकर गुजरती हैं। सडक द्वारा भी पहुंचा जा सकता है। आगरा से मात्र 55 किलोमीटर दूर है। घूमने के लिए टैक्सी कर सकते हैं, जिससे मथुरा, वृन्दावन एक दिन में घूमा जा सकता है। आॅटो और तांगें भी उपलब्ध है। गोवर्धन के लिये बस उपलब्ध है।

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