प्राचीन सूर्य मंदिर, गलता, जयपुर, राजस्थान (Surya Temple,Galata ji, Jaipur, Rajasthan)
राजस्थान की राजधानी जयपुर में गलता की पहाड़ी पर स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर की स्थापना जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह ने कराई थी। उस समय बसावट नहीं होने से इस मंदिर के दर्शन राजमहल जिसे चन्द्रमहल या सिटी पैलेस के नाम जाना जाता है, से होते थे। यह स्थान मंदिर से करीब तीन किलोमीटर दूर है। अब इमारतें बन जाने के कारण सिटी पैलेस से मंदिर के दर्शन संभव नहीं है। जयपुर की स्थापना के समय पूर्व दिशा की ओर से बनाए गए इस गेट का नाम सूरजपोल भगवान सूर्य के नाम पर रखा गया था। पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर दक्षिण मुखी है। इस मंदिर में भगवान सूर्य की प्रतिमा नहीं है। इसकी जगह एक बड़ा से चित्र स्थापित है। वर्तमान में इसी की पूजा होती है। दरअसल यहां पहले आठ इंच की अष्टधातु निर्मित भगवान सूर्य देव की आकर्षक प्रतिमा स्थापित थी। वर्ष 1979 में अज्ञात लोग पुजारी की हत्या कर इस दुर्लभ मूर्ति को यहां से चुराकर ले गए।
माघ माह में शुक्ल सप्तमी को यहां सूर्य सप्तमी का पर्व मनाया जाता है। भगवान सूर्य के इस चिन्ह का पंचामृत से अभिषेक किया जाता है। उसके बाद प्रात:काल एक शोभा यात्रा यहां से रवाना होती है। रिसायत काल में यह आयोजन यहां राजपरिवार की ओर से होता था। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग इस शोभायात्रा में शामिल होते थे और जगह—जगह पूजा की जाती थी। छोटी चौपड़ पर राजघराने के लोग पूजा करते थे। इस दौरान सेना की टुकड़ी गार्ड आॅफ आॅनर देती थी। यह परम्पराएं अब समाप्त गई है। हालांकि सूर्य देव की रथयात्रा आज भी आयोजित की जाती है।
इस मंदिर से शहर का भव्य नजारा देखा जा सकता है। वहीं शहर की ओर से यहां पर उगते हुए सूर्य को देखा जा सकता है। मंदिर और आसपास में काले मुंह और लाल मुंह के बन्दर काफी संख्या है। ये सामान छीनकर भाग जाते है। ऐसे में यहां सावधानी बरतनी चाहिए।
Surya Temple,Galata ji, Jaipur, Rajasthan on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
सूर्य मंदिर तक पहुंचने के दो रास्ते है। एक रास्ता घाट की गूणी, आगरा रोड से है। जबकि दूसरा रास्ता जयपुर—दिल्ली राजमार्ग पर सूरजपोल गेट के सामने से है। सूरजपोल गेट तक बस, कार, जीप जैसे साधनों से पहुंचा जा सकता है। यहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पर पैदल चढ़ना पड़ता है।

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