गोगामेड़ी से पहले होती है गोरखनाथ की पूजा

इस स्थान पर श्री भैरूंजी और देवी कालिका का मंदिर भी है। साथ ही यहां पर आप शिव परिवार के दर्शन भी कर सकते हैं।



गोरखनाथ जी का धूणां, नोहर, हनुमानगढ़, राजस्थान (Gorakhnath Ji Temple, Nohar, Hanumangarh, Rajasthan)

यदि आप हनुमानगढ़ जिले में गोगामेड़ी के दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो आपको गोरखनाथ जी के धूणे पर शीश जरूर नवाना चाहिए। यह स्थान गोगामेड़ी मुख्य मंदिर से कुछ ही दूरी पर रेलवे लाइन के दूसरी तरफ स्थित है। 'गोरख का टिल्ला' या 'गोरक्ष टीला' नाम से मशहूर इस आस्था के केन्द्र पर अब भव्य मंदिर बन चुका है।

इस स्थान पर श्री भैरूंजी और देवी कालिका का मंदिर भी है। साथ ही यहां पर आप शिव परिवार के दर्शन भी कर सकते हैं। कहा जाता है कि नाथ संप्रदाय में नौ गुरु थे और गोरखनाथजी उनमें से पहले थे। इस मंदिर का संचालन एक ट्रस्ट के अधीन है। यहां यात्री, जिन्हें जात्री कहा जाता है, गोगाजी के दर्शनों के पूर्व यहां उनके गुरू गोरखनाथ के धूणे पर आते हैं। यहां प्रसाद में नारियल, मखाणे आदि के साथ भगवा चादर भी चढ़ाई जाती है।

यहां नाथ संप्रदाय के रीति—रिवाज से पूजा का प्रावधान है। यहां मंदिर के चारों ओर परिक्रमा नहीं है। बीच में एक विशाल चौक है। यहां चारों ओर कई रसो​इयां भी बनी हैं जहां श्रद्धालु प्रसादी का आनन्द ले सकते हैं।

मन्दिर में दर्शन का समय:
प्रात: 5 बजे से रात 10 बजे तक। भाद्रपद के महीने में यहां विशाल मेले का आयोजन होता है।

Gorakhnath Ji Temple, Nohar, Hanumangarh, Rajasthan on Google Map


कैसे पहुंचें (How To Reach)
रेल मार्ग : गोगामेड़ी रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर।

हवाई मार्ग : सांगानेर एयरपोर्ट, जयपुर से 350 किलोमीटर।

सड़क मार्ग : राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली के सभी स्थानों से बस सेवा उपलब्ध है।
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