नारायणी माता, अलवर, राजस्थान (Narayani Mata, Alwar, Rajasthan)
राजस्थान में लोक देवी—देवताओं के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। इनमें करणी माता, जीण माता, भृतहरि जी, गोगा जी, पाबूजी और नारायणी माता आदि प्रमुख हैं। नारायणी माता का मंदिर इस खास वजह से प्रसिद्ध है, क्योंकि सैन समाज इसे अपनी कुलदेवी मानता है। अलवर जिले में विश्वप्रसिद्ध भानगढ़ के किले से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर नारायणी माता का मन्दिर स्थित है।
यह मंदिर 11वीं सदी का और प्रतिहार शैली में बना हुआ है। मंदिर के पास एक कुण्ड बना हुआ है, जिसमें अविरल पानी रहता है और उसके आगे नहाने के लिये नहरनुमा कुण्ड बना है। मन्दिर में माता की प्रतिमा के अतिरिक्त नृसिंह महाराज की प्रतिमा है। मंदिर के दरवाजे के ठीक बाहर यहां करीब एक दर्जन घंटियां लगी हैं।
सरिस्का के वन क्षेत्र से घिरे धार्मिक क्षेत्र नारायणी धाम का नैसर्गिक सौन्दर्य बहुत अच्छा है। मंदिर की ओर जाने वाली सड़क पर एक विशाल द्वार बना है। यहां रास्ते में कई बंदर हैं और आपको उनसे बचकर निकलना होगा। तिलवाड़ गांव के नजदीक इस मन्दिर के बाहर प्रसाद व अन्य सामग्री के लिए दुकानें हैं। यहां रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। रूकने के लिये धर्मशालायें बनी हुई हैं।
मन्दिर में दर्शन का समय:
सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक
Narayani Mata Alwar Rajasthan on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)अपने साधन से जाना सुविधाजनक होगा ।
सड़क: बस स्टेण्ड भानगढ़ 10 किलोमीटर
रेलवे स्टेशन: दौसा 37 किलोमीटर

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