कल्कि जी का मन्दिर, जयपुर, राजस्थान (The Kalki Temple in Jaipur,Rajasthan)
राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक ऐसे भगवान का मन्दिर है जिसका अभी अवतार नहीं हुआ है। इस मन्दिर में भगवान विष्णु के भावी 10वें अवतार की अश्वारोही प्रतिमा स्थापित है। कहा जाता है कि इस अश्व के बाएं पैर पर जो गड्डा है वह स्वत: भर रहा है, उसके भरने पर भगवान कल्कि प्रकट होंगे। पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में कल्कि को भगवान विष्णु का 10वां अवतार माना गया है।
यह मन्दिर जयपुर में सिरहडयोढी बाजार में स्थित है और इसका निर्माण जयपुर के संस्थापक राजा सवाई जयसिंह ने जयपुर बसाने के बाद 1739 में कराया था। यह मन्दिर दक्षिणायन शिखर शैली में बना है। माना जाता है कि यह दुनिया का सबसे पहला ऐसा मन्दिर है जिसका निर्माण ऐसे भगवान की परिकल्पना करके बनाया गया है जिस भगवान का अवतरण अभी तक धरती पर नहीं हुआ है। कल्कि के अन्य मन्दिर के बाद बने है। पुराणों में वर्णित विवरण के आधार पर यहां भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि की सुंदर संगमरमर की मूर्ति है मूर्ति के सामने संगमरमर का घोड़ा बना हुआ है। सवाई जयसिंह स्वयं भी इस मन्दिर में आरती करने जाते थे। कई साल पहले तक साल में एक बार कल्कि की सवारी भी निकाली जाती थी।
शास्त्रों के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह अवतार होना तय है इसलिए इस तिथि को कल्कि जयंती के रूप में मनाया जाता है। कल्कि अवतार के जन्म समय ग्रहों की जो स्थिति होगी उसके बारे में दक्षिण भारतीय ज्योतिषियों ने घोषणा कर रखी है। जब चन्द्रमा धनिष्ठा नक्षत्र और कुंभ राशि में होगा। सूर्य तुला राशि में स्वाति नक्षत्र में गोचर करेगा। गुरू स्वराशि धनु में और शनि अपनी उच्च राशि तुला में विराजमान होगा तब भगवान कल्कि का अवतरण होगा। उनके अवतरण के साथ ही कलियुग का अंत होगा।
The Kalki Temple in Jaipur,Rajasthan on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
यह मन्दिर शहर के मध्य स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए निजी एवं सार्वजनिक परिवहन की सुविधा आसानी से उपलब्ध है। रेलवे स्टेशन चार और बस स्टैंड करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नजदीकी हवाई अड्डा, सांगानेर में है, जो यहां से करीब 12 किलोमीटर दूर है।

0 comments :
Post a Comment