यहां वादियों में गूंजता रहता है राम का नाम


खोले के हनुमानजी का मन्दिर,जयपुर, राजस्थान (Khole ke Hanuman ji,Jaipur,Rajasthan)

जयपुर में नेशनल हाइवे आठ पर स्थित लक्ष्मण डूंगरी में बने भव्य प्रवेश द्वार से जब आप प्रवेश करेंगे तो आपको श्रीराम—जयराम—जय—जय—राम का उद्घोष सुनाई पड़ेेगा। यह उद्घोष सुबह मंगला आरती से शुरू होता है और रात को शयन होने तक जारी रहता है। हालांकि अब बीच—बीच में रूक जाता है लेकिन, एक समय था जब मन्दिर के पुजारी इसका उच्चारण करते थे और भक्त उसे आगे से आगे बढ़ाते रहते थे। ऐसे में मन्दिर से शुरू हुआ ये उच्चारण दिनभर चलता रहता था। दरअसल इसके पीछे भक्ति भावना के साथ—साथ एक और तथ्य सुरक्षा जुड़ा हुआ था। उस वक्त यहां पर घना जंगल था और लोगों को दिल्ली बाइपास से मन्दिर तक करीब तीन किलोमीटर की यात्रा पैदल ही करनी पड़ती थी, ऐसे में श्रीराम—जयराम—जय—जय—राम का यह उच्चारण एक भक्त को दूसरे से जोड़े रखता था। अभी भी यहां यह उच्चारण होता है लेकिन, वाहनों के शोरगुल में दब जाता है।

इस मन्दिर की स्थापना 1960 के आसपास हुई थी। पंडित राधेलाल चौबे तथा उनके कुछ साथी यहां जंगल में धूम रहे थे तो उन्हें एक चट्टान पर कुछ उभरी हुई आकृति नजर आई। यह देखने में लेटे हुए हनुमानजी जैसी लगी। उन्होंने इसकी पूजा शुरू कर दी। इन लोगों ने यहां छप्पर लगारक छाया की। बाद में लोगों के सहयोग से एक कमरे का निर्माण कराया गया। उसके बाद इस मन्दिर का विकास होता गया और आज यह भव्य रूप में हमारे सामने है। पहाड़ों में झरने बहते थे इस कारण यह खोळ के हनुमानजी के रूप में फेमस हो गया। खोळ को ही लोग खोल कहते है।

पहाड़ियों से घिरे इस स्थान पर कुछ साल पहले रेत की टीले भी थें अब इन पर हरियाली हो गई है। बरसात में जब यहां धोक हरा हो जाता है तो इस स्थान की रमणिकता देखते ही बनती है। धर्मस्थल के साथ—साथ यह प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। वर्तमान में यहां हनुमान जी और शिवजी के प्राचीन मन्दिर के साथ ही राम दरबार, गायत्री मन्दिर, गणेशजी का मन्दिर भी है। यहां गोठ का आयोजन भी बहुत होता है। एक दर्जन से अधिक यहां रसोइयां बनी हुई है जहां चूरमा—दाल—बाटी बनती है। सवामणी, गोठ, जात—जडूला आदि कार्यक्रम होते है। मन्दिर प्रबंधन की ओर से गोशाला भी संचालित की जाती है। हाल में सरकार ने यहां पर पार्किंग स्थल, रसोई, पाथ—वे, बरामद आदि बनवाने का काम करवाया है।

मन्दिर में दर्शन का समय:
सुबह पांच बजे मंगला होती है और रात को 9:30 बजे शयन आरती होती है।

Khole ke Hanuman ji,Jaipur,Rajasthan on Google Map



कैसे पहुंचें (How To Reach)
यहां तक पहुंचने के लिए जयपुर में विभिन्न स्थानों से बस सेवा उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त आप निजी साधनों एवं टैक्सी सेवा का भी उपयोग कर सकते है।
रेलवे स्टेशन— जयपुर रेलवे स्टेशन करीब पांच किलोमीटर दूर है।
बस स्टैंड —यह भी करीब पांच किलोमीटर की दूरी है।
एयरपोर्ट— सांगानेर एयरपोर्ट यहां से करीब 12 किलोमीटर दूर है।


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1 comments :

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