गोविंद देवजी का मंदिर, जयपुर (Govind Dev Ji Temple, Jaipur, Rajasthan)
पिंकसिटी यानी राजस्थान का जयपुर शहर अपनी ऐतिहासिक खूबसूरत इमारतों के लिए ही नहीं बल्कि, अपने वैभवशाली मंदिरों के लिए भी मशहूर है। इस कड़ी में सबसे अहम नाम है गोविंद देव जी मंदिर, जो शहर के मध्य में जयनिवास उद्यान में स्थित है। गोविंद देवजी जयपुर के आराध्य देव हैं।
कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में विराजमान मूर्ति पहले वृंदावन के एक मंदिर में प्रतिष्ठापित थी। जयपुर के तत्कालीन राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अपने परिवार के देवता के रूप में इस मंदिर में स्थापित किया। यह मंदिर चन्द्र महल के पूर्व में बने जयनिवास बगीचे के मध्य अहाते में स्थित है। सिटी पैलेस के उत्तर में स्थित गोविंद देवजी राज परिवार के भी दीवान अर्थात मुखिया स्वरूप हैं।
'जन्माष्टमी' के अवसर पर यहां लाखों की संख्या में भक्त कृष्ण के दर्शन करते हैं। मंदिर के नजदीक ही तालकटोरा है, जो कभी पानी से लबालब रहता था। बढ़ते शहरीकरण की वजह से अब इसमें पानी नहीं आता। कुछ समय पहले यहां एक विशाल सभा भवन बनाया गया, जिसमें कोई पिलर नहीं है। दुनिया के सबसे बड़े खंभविहीन सभा भवन के रूप में इसे गिनीज बुक में स्थान दिया गया है। इसकी लंबाई 119 फीट है।
बड़ी चौपड़ से सिरहड्योढ़ी बाजार जाते हुए विशाल द्वार के अंदर स्थित जलेब चौक के उत्तरी दरवाजे से गोविंद देवजी मंदिर परिसर में प्रवेश होता है। इस दरवाजे से एक रास्ता कंवर नगर की ओर निकलता है। रास्ते के दाहिनी ओर गौड़ीय संप्रदाय के संत चैतन्य महाप्रभु का मंदिर है। बाएं हाथ की ओर हनुमान, राम दरबार, शिवालय व माता का मंदिर है। गोविंद देवजी को बाहरी वस्तुओं का भोग नहीं लगाया जाता। यहां सिर्फ मंदिर में बने देशी घी के लड्डुओं का ही भोग लगता है। यहां इनका सशुल्क वितरण भी होता है।
मन्दिर में दर्शन का समय:
यहां सात आरतियां होती है। पहली झांकी मंगला होती है, जो सुबह 4.30 से 5 बजे तक होती है। दिन की अंतिम आरती शयन की होती है, जिसका समय रात 9.30 से 10 बजे तक है। इसके बीच में पांच अन्य झांकियां होती हैं। ऋतु के हिसाब से समय में परिवर्तन होता है।
Govind Dev Ji Temple, Jaipur, Rajasthan on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
रेल मार्ग : जयपुर जंक्शन से 4 किलोमीटर।
हवाई मार्ग : जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 15 किलोमीटर।
सड़क मार्ग : सिंधी कैंप बस अड्डे से 4 किलोमीटर।

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