राजस्थान का खजुराहो कहे जाने वाला किराडू मंदिर अपने रहस्यमयी इतिहास के लिए प्रसिद्द है | बाड़मेर जिले मैं स्थित यह प्राचीन मंदिर लम्बे समय से पर्यटकों में एक आकर्षण का विषय बना हुआ है | इसका कारण है वह किवंदंति जिसके अनुसार शाम के बाद इस मंदिर में जो भी प्रवेश करता है, वह पत्थर में बदल जाता है | कहते हैं प्राचीन समय मैं एक संत ने यहाँ के लोगों के व्यवहार से क्रोधित हो कर लोगों को पत्थर बनने का श्राप दिया था, उसी डर के कारण आज भी लोग इस मंदिर में जाने से डरते हैं |
वैसे मंदिर का स्थापत्य बेहद शानदार है, एवं दक्षिण भारतीय मंदिरों की याद दिलाता है | यहाँ कुल मिलकर पांच मंदिर हैं जिनमे से दो मंदिर ही सुरक्षित हैं बाकी सब खंडहर में बदल गए है | दीवारों पर सुन्दर अनुकृतियाँ बनी हुई है जो देवी देवताओं, समुद्र मंथन, प्राचीन हिन्दू पौराणिक दृश्यों को दर्शाती है | प्रेम क्रीडा में लिप्त युगल, अपने प्रेमी की प्रतीक्षा में विरहाकुल प्रेमिका, पूजा की थाली सजाये हुए युवती, महिषासुर मर्दिनी, दुर्गा, सरस्वती, गणेश, इंद्र एवं अन्य देवताओं की कलाकृतियाँ बरबस मन को मोह लेती हैं | माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण ९०० वर्ष पूर्व परमार वंश के महाराजा दुलाशाल एवं उनके उत्तराधिकारियों द्वारा करवाया गया था | मुग़ल काल से पूर्व यह स्थान अपनी भव्यता के लिए दूर दूर से लोगों को अपनी और खींचता था, लेकिन समय की मार के चलते आज यह बिलकुल जीर्ण शीर्ण अवस्था मैं पहुँच गया है |
Darhan Timings:
मंदिर पूरे वर्ष दर्शनार्थियों हेतु खुला रहता है एवं सुबह ६ बजे के बाद एवं शाम से पहले कभी भी दर्शन किये जा सकते हैं,
Kiradu Temple, Rajasthan
How To Reach
बाड़मेर आने के लिए पूरे देश भर से साधन उपलब्ध हैं | जयपुर से सड़क मार्ग द्वारा 8 घंटे में बाड़मेर पहुंचा जा सकता है | शहर से यह मंदिर ४३ किलोमटर की दूरी पर है | बाड़मेर रेल मार्ग द्वारा भी आसानी से पहुंचा जा सकता है |
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