तुंगनाथ मंदिर, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड Tungnath Temple, Rudraprayag, Uttrakhand
यदि आप ट्रेकिंग का शौक रखते हैं, तो उत्तराखंड में स्थित पंच केदारों में से एक तुंगनाथ मंदिर जा सकते हैं। यह मंदिर दुनिया के सबसे ऊँचे शिव मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। यह चोपटा पहाड़ी पर स्थित है और समुद्र स्तर से 3680 मीटर की ऊंचाई पर है।
मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण अर्जुन ने किया था। एक मान्यता यह भी है कि रावण ने यहां अपने पापों का प्रायश्चित किया था। तुंगनाथ का शाब्दिक अर्थ 'पहाड़ी चोटी के भगवान' है। इस मंदिर में भगवन शिव के हाथ कि पूजा की जाती है। मंदिर का स्थापत्य उत्तर भारतीय शैली का है। मुख्य प्रवेश द्वार पर नंदी बैल की पत्थर कि मूर्ति है। काला भैरव और व्यास के रूप में लोकप्रिय ऋषियों की मूर्तियां भी पांडवों की छवियों के साथ मंदिर में लगाई गई हैं।
मानसून और गर्मियों के मौसम को इस खुबसूरत हिल स्टेशन की यात्रा के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। यहां आप कई रास्तों पर ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं और प्राकृतिक नज़ारों को अपनी पलकों में कैद कर सकते हैं।
मन्दिर में दर्शन:
भारी बर्फबारी की वजह से यह मंदिर नवंबर और मार्च के बीच में बंद रहता है। भारी बर्फबारी के कारण यात्रियों को सर्दियों के समय यहाँ की यात्रा करने से बचना चाहिए। यह मंदिर बहुत छोटा है और एक बार में सिर्फ 10 लोगों को ही मंदिर में प्रवेश की इजाजत दी जाती है।
Tungnath Temple, Rudraprayag, Uttrakhand on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
चोपटा से 3.5 किमी की ट्रैकिंग कर के तुंगनाथ मंदिर पहुंचा जा सकता है।
दिल्ली से लगभग 450 किलोमीटर
ऋषिकेश से 254 किलोमीटर
उखीमठ से 29 किलोमीटर

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