राम जानकी मंदिर, सेतगंगा, मुंगेली, छत्तीसगढ़ (Shri Ram Janki Temple, Setganga,, Mungeli, Chhattisgarh)
यदि भगवान राम और देवी सीता के किसी मंदिर में रावण को द्वारपाल के रूप में दर्शाया जाए और उसकी पूजा भी की जाए, तो अचरज तो होगा ही। आइए, ऐसे ही एक मंदिर के दर्शन करते हैं। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में स्थित है। मुंगेली जिले में सिंगारपुरी से पहले सेतगंगा नामक स्थान पर राम जानकी मंदिर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था।
स्थानीय श्रद्धालु बताते हैं कि रावण को द्वार पर इस वजह से रखा गया है, ताकि लोगों को अपने भीतर का अहंकार मिटाने की प्रेरणा मिले। यहां एक कुंड भी है। मंदिर काले पत्थर का बना है और इस पर प्राचीन शिल्पकला के दर्शन किए जा सकते हैं। गर्भगृह के भीतर खंभों पर अद्भुत नक्काशीदार कलाकृतियां देखी जा सकती हैं।
यह मंदिर वर्ष 1751 में पंडरिया के जमींदार दलसाय सिंह ने बनवाया था। कामठी गांव में आगर नदी के तट पर मंदिरों में स्थापित प्रतिमा को यहां लाकर उनकी प्राण—प्रतिष्ठा करवाई गई थी। दलसाय सिंह आदिवासी राजा थे और उनकी रावण में भी आस्था थी।
आपको इस मंदिर में प्राचीन शिल्प के दर्शन होंगे और साथ ही आप यहां मानसिक शांति भी महसूस करेंगे।
मन्दिर में दर्शन का समय:
मंदिर दिनभर खुला रहता है। विशेष अवसरों पर यहां झांकियां सजाई जाती हैं।
Shri Ram Janki Temple, Setganga,, Mungeli, Chhattisgarh on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
यह स्थान मुंगेली से 15 किलोमीटर, बिलासपुर से 65 किलोमीटर और कवारधा से 45 किलोमीटर दूर है। सार्वजनिक वाहन या स्वयं के वाहन से यहां पहुंचा जा सकता है।

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