श्री 1008 मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, पैठन, औरंगबाद, महाराष्ट्र् (Sri 1008 Munisuvrat Nath Bhagwan Digamber Jain Atishaya Kshetra Paithan, Aurangabad Maharashtra)
मन्दिरों में प्रतिमायें पाषण या धातुओं की होती है यदि अपको बालू रेती से बनी प्रतिमा को देखनी है तो आप महाराष्ट्र् राज्य के औरंगबाद जिले में औरंगबाद शहर के दक्षिण में लगभग 50 किमी की दूरी पर गोदवारी नदी के उत्तरी तट पर बने श्री 1008 जैन मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, पैठन जाना चाहिये है ।
क्षेत्र पर मूलनायक प्रतिमा 20 तीर्थंकर भगवान मुनिसुव्रतनाथ की भगवना की है, जो कि पद्मानस अवस्था में है, जो कि साढे तीन फुट उची है । मूल नायक प्रतिमा रेत से बनी हुई है,जिसे लोकमातनुसार राजा खरदूषण द्धारा बनवाया जाना माना गया है तथा चतुर्थ कालीन माना जाता है। क्षेत्र में मूल नायक प्रतिमा के अतिरिक्त लगभग 50 प्रतिमायें भी है । क्षेत्र में प्रत्यक शनि अमावस्या को यात्रा होती है तथा मूल नायक प्रतिमा का महामस्तकाभिषेक होता है ।
क्षेत्र पर संत ज्ञानेशवर उद्यान व बॉंध दर्शनीय है जिसके कारण यह क्षेत्र पर्यटन स्थल बन गया है। पैठन में बनने वाली साडीया विश्वप्रसिद्ध है । क्षेत्र पर धर्मशाला व भोजनशाला सशुल्क अनरोध पर उपलब्ध है ।
मन्दिर में दर्शन का समय:
सुबह 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक । समय ऋतुओं के अनुसार बदलता रहता है ।
Sri 1008 Munisuvrat Nath Bhagwan Digamber Jain Atishaya Kshetra Paithan, Aurangabad Maharashtra on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
सड़क: बस स्टेण्ड पैठन— 0 किलोमीटर
रेलवे स्टेशन: औरंगबाद— 42 किलोमीटर

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