यहां कपिल मुनि ने की थी तपस्या
बीकानेर से करीब करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित श्री कोलायतजी हिन्दू और सिक्खों की श्रद्धा और भक्ति का केन्द्र है। इस स्थान पर कपिल मुनि ने तपस्या की थी। महर्षि कपिल महर्षि कर्दम के पुत्र थे। उन्होंने अपनी माता देवहूति को लौकिकता व अलौकिकता, भक्ति योग, अष्टांग योग का उपदेश दिया तथा सांख्य दर्शन की संरचना की। कपिल मुनि को भगवान विष्णु का अवतार मानकर पूजा जाता है।
कहा जाता है कि उन्होंने श्रीकोलायत में पीपल के एक पेड़ के नीचे शरीर समर्पित किया था। यहां स्थित सरोवर के आसपास पीपल के काफी पेड़ है। सरोवर पर पुष्कर की तरह घाट बने हुए है। इस स्थान की मान्यता तीर्थ स्थल के रूप में है। सरोवर के पास ही महर्षि कपिल देव का निज मंदिर है। इसमें काले संगमरमर की गरूड़ व वशिष्ठजी की प्रतिमाएं प्रतिष्ठित हैं। पंच मंदिर और गंगा मैया मंदिर भी देखने लायक है। दूसरी तरफ सिक्खों के लिए भी यह केन्द्र आस्था का केन्द्र है। यहां गुरुनानक देवजी ने यात्रा की थी। यहां बड़ा गुरुद्वारा भी है।
प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को यहां मेला आयोजित होता है। इस मेले के दौरान शाम को सरोवर में दीपदान होता है। इसके अतिरिक्त कई खास मौकों पर भी यहां लोग डुबकी लगाने पहुंचते है। गुरुनानक जयंती पर्व होने के कारण इस दिन सिख भी बड़ी संख्या में यहां आते है।
मन्दिर में दर्शन का समय:
सुबह 5:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक
शाम 5:15 से रात 9 बजे तक
कुछ मन्दिर दिनभर खुले रहते है।
Shree Kolayat Mandir,Bikaner,Rajasthan on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
सडक़ मार्ग -बीकानेर से यह स्थान करीब 50 किमी दूर है। बस और निजी साधन अथवा टैक्सी से यहां पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग -कोलायत में भी रेलवे स्टेशन है। इसके अतिरिक्त बीकानेर रेलवे स्टेशन पहुंचकर भी यहां पहुंचा जा सकता है।
एयरपोर्ट- नजदीकी एयरपोर्ट नाल में है लेकिन, अभी वहां से नियमित उड़ान नहीं है। जयपुर और जोधपुर एयरपोर्ट पहुंचकर वहां से रेल अथवा सडक़ मार्ग से यहां पहुंचा जा सकता है। बीकानेर की जोधपुर से दूरी 251 तथा जयपुर से दूरी करीब 330 किमी है।

राजपुरोहित समाज के आराध्य संत खेतारामजी के शिष्य संत श्री तुलछारामजी का चातुर्मास 2018 आषाढ से श्रावणमास तक कोलायत मे रहेगा।
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