मांगी—तुंगी जैन तीर्थ, नासिक, महाराष्ट्र (Mangi Tungi Jain Tirth, Nasik, Maharashtra)
महाराष्ट्र के नासिक जिले की सटाण तहसील में स्थित यह क्षेत्र सिद्ध क्षेत्र है। यह क्षेत्र एक पहाड़ी पर स्थित है, जिस पर दो चोटियां हैं। इनमें से एक चोटी मांगीजी कहलाती है, तथा दूसरी चोटी तुंगीजी कहलाती है। दोनो चोटियों पर गुफायें हैं। यहां मांगीजी पर छह गुफायें हैं तथा तुंगीजी पर दो गुफायें हैं।
यहां लगभग 600 प्रतिमायें भी विराजमान हैं। इनमें से कई प्रतिमाएं विक्रम संवत 651 की मानी जाती हैं। मांगीजी में सात मन्दिर हैं तथा तुंगी जी पर चार मन्दिर हैं। तीन मन्दिर पहाड़ी की तहलटी पर हैं। इनमें से दो पार्श्वनाथ भगवान के मन्दिर हैं तथा एक आदिनाथ भगवान का।
जैन धर्मानुसार माना जाता है कि भगवान श्रीराम, भगवान हनुमान, सुग्रीव, नील, महानील इसी क्षेत्र से मोक्ष गये थे तथा इसके अतिरिक्त 99 करोड़ मुनिराज भी इसी क्षेत्र से मोक्ष की ओर उन्मुख हुए। यह भी माना जाता है कि श्री कृष्ण भगवान की मृत्यु और अन्तिम संस्कार भी यहीं हुआ था तथा सीताजी यहीं से ही प्रतिइन्द्र हुईं।
कुछ समय पूर्व गणिनी प्रमुख आर्यिका श्री ज्ञानमति माताजी की प्रेरणा से पहाड़ी पर 108 फीट ऊंची भगवान ऋषभदेव की भव्य प्रतिमा बनाई गई है। माना जाता है कि यह भगवान ऋषभदेव की विश्व की सबसे विशाल प्रतिमा है। यहां वर्ष 2016 में भव्य प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का भी आयोजन किया गया था।
क्षेत्र पर आवास व भोजनशाला की व्यवस्था है।
मन्दिर में दर्शन का समय:
समय ऋतुओं के अनुसार बदलता रहता है । पहाडी के मन्दिरों में दिन में दर्शन किया जाना उचित होगा ।
Mangi Tungi Jain Tirth on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)क्षेत्र पर दिन में समूह में अपने वाहन से यात्रा करना उचित है।
सड़क: बस स्टेण्ड माहराबाद 11 किमी
रेलवे स्टेशन: रेल्वे स्टेशन मनमाड 100 किमी

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