550 से जल रही है अखंड ज्योत
जोधपुर जिले में स्थित लटियाल माता का मन्दिर ऐतिहासिक है। इस मन्दिर की स्थापना फलौदी शहर के साथ ही करीब 550 साल पहले हुई थी। तभी से इस मन्दिर में अखंड ज्योत भी जल रही है। मान्यता है कि इस ज्योत के धुएं से बने काजल का इस्तेमाल करने से कष्ट दूर होते है। माता शहरवासियों को प्राकृतिक आपदा से महफूज रखती है।
इस मन्दिर की स्थापना के बारे में कहा जाता है कि विक्रम संवत् 1515 में आसाणी कोट से आए सिद्धूजी कल्ला मां लटियाल के अनन्य भक्त थे। उनके साथ फलोदी लाया गया देवी लटियाल की पूजा-विग्रह का गाड़ा यहां एक खेजड़ी के पेड़ से टकराकर अटक गया। इस टक्कर से पेड़ दो हिस्सों में बंट गया। यह पेड़ आज भी यहां मौजूद है। इस पुराने खेजड़ी के पेड़ को लेकर मान्यता है कि इसकी छाल नाखून से उतार अपने घर पर रखने से घर में सुख, शांति, समृद्धि बनी रहती है। इस आस्था के चलते भक्त यहां से छाल भी लेकर जाते है। नवरात्रों में यहां मेला आयोजित होता है। जिसमें फलौदी के साथ-साथ अन्य स्थानों से भी माता के भक्त यहां आते है।
मन्दिर में दर्शन का समय:
मन्दिर सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक तथा शाम को 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है। नवरात्रों में यहां मेला आयोजित होता है।
Latiyal Mata Temple,Phalodi,Jodhpuron Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
फलौदी में रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड है तथा यह शहर रेल मार्ग एवं सडक़ मार्ग से जोधपुर, जैसलमेर, अजमेर आदि शहरों से जुड़ा हुआ है। निकटवर्ती एयरपोर्ट करीब 135 किलोमीटर दूर जोधपुर में है। जोधपुर से यहां के लिए टैक्सी एवं बस सेवा उपलब्ध है।

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