जहां फिर से जुड़ गई खंडित प्रतिमा


कचनेर अतिशय क्षेत्र, औरंगाबाद, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में यह मंदिर औरंगाबाद से लगभग 37 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां मूलनायक प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की है। यह एक अतिशय क्षेत्र है ।

माना जाता है कि लगभग 250 वर्ष पूर्व एक गाय जंगल से आते समय अपना दूध एक स्थान पर निकला आती थी। मालिक ने इस स्थान को देखा, तो उसने गाय को बांध दिया। गाय ने बंधन तुड़वाकर उसी स्थान पर अपना दूध निकाला। फिर मालिक ने उस स्थान की खुदाई की, तो वहां भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा सामने आयी।

इसके बाद वहां मन्दिर बनाया गया और प्रतिमा की प्रतिष्ठा की गई। कुछ समय बाद प्रतिमा का सिर धड़ से अलग हो गया और वहां के श्रावकों द्वारा प्रतिमा को जल में विसर्जित करने तथा उसके स्थान पर नई प्रतिमा विराजित करने का विचार किया गया। रात को एक श्रावक को स्वप्न आया कि मूल प्रतिमा को एक गड्ढे में रखकर घी व शक्कर से भर कर सात दिनों तक यदि अखण्ड साधन की जाये तो मूर्ति पहले जैसी हो जायेगी। श्रावको द्वारा ऐसा ही किया गया, तो प्रतिमा जुड़ी हुई मिली। श्रावाकों ने प्रतिमा को पुनः प्रतिष्ठित कर दिया।

यहां कार्तिक शुक्ल अमावस्या को वार्षिक मेला लगता है। क्षेत्र में धर्मशाला है और अनुरोध पर सशुल्क भोजनशाला है।


मन्दिर में दर्शन का समय:
समय ऋतुओं के अनुसार बदलता रहता है । मन्दिरों में दिन में दर्शन किया जाना उचित होगा ।

Kachner Jain Mandir on Google Map

कैसे पहुंचें (How To Reach)

सड़क: बस स्टेण्ड कचनेर 0 किमी

रेलवे स्टेशन: रेल्वे स्टेशन औरंगाबाद 37 किमी
क्षेत्र पर दिन में समूह में अपने वाहन से यात्रा करना उचित है।

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