उदयपुर—अहमदाबाद राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर उदयपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर गांव धूलेव में जैन तीर्थंकर ऋषभदेव का मंदिर स्थित है, जिन्हें केसरियाजी या केसरियानाथ के नाम से भी जाना जाता है।
यह प्राचीन तीर्थ अरावली पर्वतमाला की गुफाओं के मध्य कोयल नदी के किनारे स्थित है। आसपास के क्षेत्र में मार्बल की खान है तथा मार्बल का व्यवसाय भी होता है। इस मन्दिर में मूलनायक प्रतिमा जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की है, जो अतिप्राचीन है। यह मूलनायक प्रतिमा पद्मासन में है। इस मन्दिर में पूजा जैन धर्म के दिगम्बर मत व श्वेताम्बर मत दोनों से होती है। दोनों मतों से पूजा किये जाने हेतु अलग—अलग समय निर्धारित है। यह मंदिर न सिर्फ जैन धर्मावलंबियों, बल्कि वैष्णव हिंदुओं और मीणा व भील आदिवासियों व अन्य समुदायों द्वारा भी पूजा जाता है। ऋषभदेव को तीर्थयात्रियों द्वारा अत्यधिक मात्रा में केसर चढ़ाए जाने के कारण केसरियाजी कहा जाता है।
यहां ऋषभदेव की काले रंग की प्रतिमा स्थापित है। यहां के आदिवासियों के लिए केसरियाजी कालिया बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं। मन्दिर में कुल 23 प्रतिमाये हैं और इसके बाहर प्रवेश द्वार पर हाथी की प्रतिमाएं हैं। चैत्री वदी 8 व 9 को क्षेत्र में बड़ा उत्सव माना जाता है और यात्रा भी निकाली जाती है। मन्दिर पर सशुल्क भोजनालय और धर्मशाला की व्यवस्था है। वर्तमान में मन्दिर की व्यवस्था राजस्थान सरकार द्वारा की जाती है तथा रुकने के लिये सबसे अच्छी धर्मशाला कीका भाई धर्मशाला है।
मन्दिर में दर्शन का समय:
मन्दिर प्रातः 4 बजे से रात्रि 9 बजे तक दर्शन के लिये खुला रहता है । दिन में 11 बजे शयन हेतु पट बन्द होते हैं जो मध्यान्ह बाद खुल जाते हैं।
Kesariyaji Rishabhdeo on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
सड़क: ऋषभदेव 0 किलोमीटर।
रेलवे स्टेशन: ऋषभदेव 11 किलोमीटर ।
एयरपोर्ट: उदयपुर एयरपोर्ट से 70 किलोमीटर।

Kala Baba and also as Dhulav Jee. Tample
ReplyDeleteइस मंदिर मे एक आदिवासी पुजारी था उसका क्या नाम था कोई खराडी था ?
DeleteHistory galat hai
ReplyDeleteNeeta jain temple history galat hai
ReplyDeleteYah History kahaki hai
ReplyDeleteChetra badi 8 yani ki aaj kala ji bavji ka mela h..Bhari sankhya me meena log mele me aayege
ReplyDeletetemple timing are 6:30 AM to 8:30 PM & it adjust as per seasons.
ReplyDelete& temple is closed in between whole day.
गलत इतिहास बताया जा रहा है
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