एक मन्दिर ऐसा भी, जहां दर्शन करने से बुरे सपने नहीं आते।
यह मन्दिर उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मन्दिर परिसर में स्थित है। दरअसल स्वप्नेश्वर महादेव प्राचीन मन्दिर की स्थापना के पीछे कथा प्रचलित है। काफी साल पहले कल्माषपाद नामक राजा का राज था। राजा एक दिन आखेट पर निकले हुए थे। जंगल में उन्हें वशिष्ठ मुनि के पुत्र और उनकी बहू मिली, जो ध्यान लगाकर बैठे हुए थे। राजा ने उन्हें रास्ते से हटने के लिए कहा। कहा जाता है कि मुनि पुत्रों ने राजा की बात को सुना नहीं। गुस्से में आकर राजा कल्माषपाद ने मुनि पुत्र पर चाबुक से वार करना शुरू कर दिया। तभी वहां मौजूद दूसरे पुत्र ने राजा को श्राप दिया कि वह राक्षस बन जाएगा और नर भक्षण करेगा।
अगले ही क्षण राजा राक्षस बन गया और उसने मुनि वशिष्ठ के पुत्र तथा उसकी पत्नी को खा गया। राजा ने अपनी करनी के लिए मुनि पुत्रों से क्षमा भी मांगी लेकिन, उसे इस श्राप से मुक्ति नहीं मिली। वह वहां से चला गया और रात को जब सोया, तो उसे कई बुरे सपने आए। राजा ने जंगल की घटना और रात में आए सपनों के बारे में मंत्री से चर्चा की। मंत्री की सलाह पर राजा तुरंत मुनि वशिष्ठ के पास पहुंचे और अपने की किए क्षमा मांगने लगे और सारी बात बताई। मुनि ने राजा से अंवतिका नगरी में महाकालेश्वर के पास स्थित शिवलिंग के दर्शन करने को कहा। उन्होंने कहा कि इससे आपके सभी दुःस्वप्नों का नाश हो जाएगा।
राजा वशिष्ठ मुनि की बात मानते हुए अवंतिका नगरी में आया और यहां शिवलिंग की पूजा की। इससे राजा को बुरे सपनों से निजात मिल गई। इसलिए यह शिवलिंग स्वप्नेश्वर महादेव के नाम से विख्यात हुआ। मान्यता है यहां दर्शन करने से बुरे सपनो का नाश होता है। इस मन्दिर में अवसर विशेष पर भव्य झांकी सजती है। महाकाल के दर्शन करने आने वाले भक्त इस मन्दिर के भी दर्शन करते है।
मन्दिर में दर्शन का समय:
मन्दिर दिनभर खुला रहता है
Swapneshwar Mahadev Temple on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
सड़क: टैक्सी एवं अन्य साधन उपलब्ध है।
रेलवे स्टेशन: महाकाल मन्दिर के लिए उज्जैन रेलवे स्टेशन टैक्सी सेवा उपलब्ध है।
एयरपोर्ट: उज्जैन से करीब 55 किमी दूरी पर इन्दौर का देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा है।
श्रीनगर पहुंचने के बाद वहां से टैक्सी कार अथवा निजी साधन से यहां पहुंचा जा सकता है।

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