राजस्थान—मध्यप्रदेश सीमा के नजदीक झालावाड़ जिले में स्थित इस तीर्थ पर मूलनायक प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की है और वह लगभग 1100 से 3000 वर्ष पुरानी मानी जाती है। यह प्रतिमा करीब 14 फीट कद की है।
भगवान पार्श्वनाथ की मूलनायक प्रतिमा हरे रंग की है। प्रतिमा के एक ओर भगवान महावीर और दूसरी ओर भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा है। मान्यता है कि भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा का निर्माण उनके जीवनकाल में ही श्री धर्नेंदेव द्वारा करवाया गया था।
कालान्तर में मन्दिर जीर्ण हुआ और कई बार मन्दिर का जीर्णोद्धार हुआ। तीर्थ स्थान पर वर्तमान में दो गुरू मंदिरों व दादाबाड़ी का निर्माण किया गया है।
तीर्थ स्थान पर सशुल्क विशाल भोजनशाला व विशाल धर्मशाला की उत्तम व्यवस्था है।
मन्दिर में दर्शन का समय: प्रातः 4.30 से रात्रि 9.30 बजे तक।
ऋतु के अनुसार पूजा व सायं आरती होती है।
Shri Jain Shwetamber Nageshwar Parshwanath Tirth on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
सड़क: विक्रमगढ आलोट से 10 किमी.
रेलवे स्टेशन: विक्रमगढ आलोट से 10 किमी.
एयरपोर्ट: इंदोर एयरपोर्ट से 179 किमी.

श्वेतांबर की तीर्थपीठ कहा है
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