उदयपुर-अहमदाबाद राष्ट्रीय राज्य मार्ग संख्या 8 पर बिछीवाड़ा से 10 किलोमीटर दूरी पर यह क्षेत्र स्थित है। यह अतिशय क्षेत्र है। क्षेत्र का प्राकृतिक सौन्दर्य अद्भुत है। यह क्षेत्र पहाड़ी से घिरे होने के कारण रमणीय है। यहां भोजनशाला व धर्मशाला सशुल्क उपलब्ध है।
मन्दिर में मूलनायक प्रतिमा पार्श्वनाथ भगावन की है। इस मन्दिर में आस्था न केवल जैन अनुयायियों की है, वरन् आस—पास के क्षेत्र के अन्य मतावलम्बियों की भी यहां श्रद्धा है।
आमजन के अनुसार एक वृद्ध ग्वाला पहाड़ी पर पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा के दर्शन प्रतिदिन करने जाया करता था, परन्तु एक दिन प्रतिमा के सम्मुख उसने कहा कि वह वृद्ध होने के कारण अब नहीं आ सकेगा। उसे रात में स्वप्न आया कि वह प्रतिमा को सूत से बांधे और चले तथा उस स्थान तक ले जाए, जहां इसे स्थापित करनी है। उसने ऐसा ही किया और प्रतिमा हल्की हो गई। वृद्ध ने एक झरने के पास पीछे मुड़कर देखा और वहीं इसे स्थापित किया।
इस झरने पर वर्तमान में एक गोमुख बना हुआ है, जिसके बारे में प्रचलित है कि जैसे यात्रियों की संख्या बढ़ती है, वैसे—वैसे गोमुख का पानी भी बढ़ता है। गुरू पूर्णिमा को स्थान पर विशेष आयोजन होता है।
मन्दिर में दर्शन का समय: सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक।
ऋतु के अनुसार श्रीजी के प्रश्राल सुबह व आरती सायं होती है।
Shree Nagfani Parshwanath Digambar Jain Atishay Kshetra, Bichiwada on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
सड़क: बिछीवाड़ा से 10 किलोमीटर.
रेलवे स्टेशन: डूंगरपुर से 35 किलोमीटर.
एयरपोर्ट: उदयपुर एयरपोर्ट से 132 किलोमीटर.

ग्वाला कोन था ?
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