यहां माता के नए सैन्डिल भी चढाए जाते हैं।
भोपाल के कोलार में स्थित जीजी बाई के मन्दिर में मां दुर्गा की पूजा बेटी की तरह होती है और खास यह है कि यहां पर कपड़ों के साथ माता के नए सैन्डिल भी चढ़ाए जाते हैं।
वैसे यह मन्दिर ज्यादा पुराना नहीं है। यह मन्दिर एक पहाड़ी पर स्थित है और सिद्धदात्री पहाड़ावाला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है कि दो-ढाई दशक पहले ओम प्रकाश नाम के एक व्यक्ति ने यहां शिव-पार्वती का विवाह कराया था और खुद कन्यादान किया था। इस दौरान यहां एक मूर्ति की स्थापना भी कई गई थी और सिद्धदात्री नाम दिया। वे इसे बेटी मानकर पूजा किया करते है।
धीरे-धीरे इस मन्दिर की मान्यता बढ़ती गई। यहां सेवा पूजा करने वालों के अनुसार, कई बार दिन में यह आभास हो जाता है कि माता खुश नहीं है तब दिन में उनकी पोशाक बदल दी जाती है। कई बार तो दिन मे दो-तीन बार ये पोशाक बदलनी पड़ती है। यहां एक मान्यता और जो इस मन्दिर का अन्य से अनूठा बनाती है। यहां पर भक्त अपनी मन्नत पूरी होने पर नई चप्पल अथवा सेन्डिल चढ़ाते है। कई भक्त टोपी, चश्मा, घड़ी जैसे सामान भी चढ़ाते है। जब यहां सैन्डिल और चप्पल की तादाद बढ़ जाती है तो उन्हे जरूरतमंदों में बांट दिया जाता है। अब तो यहां विदेश में बसे भक्त भी चप्पल और सैन्डिल भेजते है।
मन्दिर में दर्शन का समय:
मन्दिर दिनभर खुला रहता है
Jiji bai mandir, Kolar, Bhopal on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
हवाई मार्गः भोपाल में राजा भोज एयरपोर्ट है।
भोपाल रेलवे स्टेशन करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर है।
सड़क मार्गः यहां तक पहुंचने के लिए भोपाल से टैक्सी एवं बस की सुविधा उपलब्ध है।

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