जयपुर के नजदीक अजमेर रोड पर महलां के पास बन्धे के बालाजी का विशाल मंदिर है, जो बोराज नामक गांव के नजदीक है। हनुमान जी का यह मंदिर आस्था का केन्द्र है और प्राकृतिक रूप से भी रमणीय वातावरण की अनुभूति कराता है।
मंदिर के इतिहास के विषय में मंदिर के पुजारी महेश कुमार शर्मा ने बताया कि काफी पहले यह स्थान पूरी तरह जंगल हुआ करता था। एक दिन यहां एक बनजारा आया, जो अपने साथ एक मूर्ति भी लाया। उसने इस स्थान पर रात्रि विश्राम किया। अगले दिन जब वह अपने सफर पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हुआ, तो यह मूर्ति अपने स्थान से नहीं हिली। उसने भरसक प्रयत्न किए, लेकिन वह इसे नहीं हिला सका।
वह मूर्ति को वहीं छोड़ अपने घर चला गया। वहां उसने देखा कि उसकी अंधी मां की नेत्र ज्योति लौट आई। वह समझ गया था कि यह उस मूर्ति का चमत्कार है। वह लौटा और उसने वर्तमान मंदिर के स्थान पर उस मूर्ति को स्थापित करवाया।
यह मंदिर स्थानीय लोगों के साथ ही दूर—दूर के श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र बना है। पहाड़ी और बंधे (छोटा तालाब) के नजदीक होने से यह प्राकृतिक रूप से काफी रमणीय स्थल है।
यहां ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को विशाल मेला भरता है। इस मेले के शुरू होने की कहानी भी दिलचस्प है। पुजारी महेश कुमार शर्मा बताते हैं कि एक बार मूर्ति ने अपने आप सिंदूर छोड़ दिया। स्थानीय श्रद्धालु इसे बोरे में रख हरिद्वार ले गए। वहां के एक संत ने सलाह दी कि एक विशाल मेले का आयोजन किया जाना चाहिए। तभी से यहां ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को विशाल मेले का आयोजन होता है।
मन्दिर में दर्शन का समय: मंदिर में सुबह 5 बजे पहली आरती होती है। मंदिर दिन में बंद नहीं होता और रात्रि 9.30 बजे बाद शयन के लिए कपाट बंद होते हैं।
Bandhe Ke Balaji Temple, Ajmer Road on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)सार्वजनिक बस, टैक्सी या निजी साधन से पहुंचा जा सकता है। अजमेर रोड पर महलां से जोबनेर की रोड पर जाइए। बोराज से फुलेरा की ओर जाने पर 7—8 किलोमीटर दूर मंदिर स्थित है। सड़क पक्की डामर की है और सड़क की स्थिति बहुत अच्छी है।
सड़क: जयपुर से 45 किलोमीटर.
रेल: जयपुर रेलवे जंक्शन से 43 किलोमीटर.
एयरपोर्ट: सांगानेर एयरपोर्ट से 50 किलोमीटर.

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