यहां लेटे हुए हनुमान जी की प्रतिमा की पूजा होती है
प्रयाग के कोतवाल के नाम से मशहूर इलाहाबाद में संगम किनारे यह मंदिर स्थित है। मंदिर इसलिए खास है, क्योंकि यहां हनुमान जी की मूर्ति लेटी हुई अवस्था में है और मान्यता के अनुसार संगम का पुण्य तभी पूर्ण माना जाता है, जब इस मंदिर के दर्शन कर लिए जाते हैं।
प्राचीन कथा के अनुसार इस स्थान पर लंका विजय के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम राम भारद्वाज ऋषि से आशीर्वाद लेने आए थे और हनुमान को शारीरिक पीड़ा हुई। वे मूर्छित अवस्था में आ गए। जानकी ने उन्हें सिंदूर से नई जिंदगी दी। यही वजह है कि यहां हनुमान की प्रतिमा लेटी हुई स्थिति में है और उन्हें सिंदूर चढ़ाया जाता है।
यह प्रतिमा 20 फीट लंबी है। कहा जाता है कि करीब छह सौ साल पहले औरंगजेब ने इस प्रतिमा को मंदिर के स्थान से हटाने का प्रयास किया था। मुगल सैनिकों के कई दिनों तक प्रयास करने के बाद भी प्रतिमा नहीं हिली। तभी से इस प्रतिमा को सभी आभूषणों से सजाया जाता है। मूर्ति के बगल में गदा भी रखी हैं। यहां हनुमान जी जनेऊ भी पहनते हैं।
मन्दिर में दर्शन का समय: सुबह 5 से दोपहर 12 बजे तक।
सायं 3 से रात 9 बजे तक
Bade Hanuman Ji Temple, Allahabad on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)सार्वजनिक बस, टैक्सी या निजी साधन से पहुंचा जा सकता है।
सड़क: सिविल लाइन्स बस स्टैंड, प्रयाग से 4.5 किलोमीटर.
रेल: प्रयाग रेलवे जंक्शन से 1 किलोमीटर.
एयरपोर्ट: लखनऊ एयरपोर्ट से 200 किलोमीटर.

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