अहिच्छत्र पार्श्वनाथ, आवलां, बरेली, उत्तर प्रदेश (Ahichchhatra Parshvanath, Bareilly, Uttar Pradesh)

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले की आवलां तहसील के रानगर किला गांव में स्थित अहिच्छत्र पार्श्वनाथ प्राचीन मन्दिर की ख्याति बहुत दूर तक फैली है।

मान्यता के अनुसार यहां पर जैन धर्म के तेईसवें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ ने मुनि अवस्था में तप किया था। कमठ ने उन पर घोर उपसर्ग किया। उस समय धरणेन्द्र और पद्मावती ने कमठ द्वारा किये जा रहे उपसर्ग को दूर करने के लिए अपने नाग के फण को मंडल रूप में लगा दिया।

क्षेत्र में तीन मन्दिर हैं और चौबीसी भी है। यहां पर धरणेन्द्र व पद्मावती की प्रतिमा स्थापित है। क्षेत्र में एक कुआं है। मान्यता है कि इस कुएं का जल पीने मात्र से ही कई रोग दूर हो जाते हैं। यहां आने वाले भक्त इस कुएं का जल अपने साथ ले जाते हैं।

आसपास का इलाका हराभरा है। बहुत अधिक वृक्ष है तथा क्षेत्र में बहुत अधिक बंदर भी हैं। क्षेत्र पर सशुल्क भोजनशाला की व्यवस्था है तथा सशुल्क धर्मशाल भी है, जिसमें कई श्रेणी के आवास उपलब्ध हैं। चैत्रकृष्ण अष्टमी से द्वादशी, श्रावण शुक्ल सप्तमी, पोष कृष्ण एकादशी को मेला आयोजित होता है। आवलां से क्षेत्र तक जाने के लिए तांगे से यात्रा का भी आनन्द ले सकते हैं।
मन्दिर में दर्शन का समय: सुबह 5 बजे से शाम 9 बजे तक।

ऋतु के अनुसार श्रीजी के प्रश्राल सुबह व आरती सायं होती है।

अहिच्छत्र पार्श्वनाथ (Ahichchhatra Parshvanath) on Google Map

कैसे पहुंचें (How To Reach)

सड़क: आवलां से 10 किमी.

रेलवे स्टेशन: रेवती बहोडा खेडा से 6 किमी.

एयरपोर्ट: नई दिल्ली से 249 किमी.

Share on Google Plus

About travel.vibrant4.com

हमारा प्रयास है कि हम भारत के हर मंदिर की जानकारी पाठकों तक पहुंचाएं। यदि आपके पास ​किसी मंदिर की जानकारी है या आप इस वेबसाइट पर विज्ञापन देना चाहते हैं, तो आप हमसे vibrant4india@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।

0 comments :

Post a Comment

Popular Posts