भीलवाड़ा जिले की माण्डलगढ तहसील में यह क्षेत्र स्थित है। यह मन्दिर अतिप्राचीन है। मन्दिर अरावली पर्वतमाला की पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ है। पहाड़ी की तलहटी पर भी एक अन्य मन्दिर है। मन्दिर पर जाने के लिये लगभग 150 सीढ़ियां बनी हुई हैं। मन्दिर पर ठहरने व भोजन की व्यवस्था है।
यहां की मूलनायक प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की है तथा यह भूर्गभ से प्राप्त हुई थी। यह प्राचीन शैली में बनी हुई है। मान्यता के अनुसार यह भगवान पार्श्वनाथ के ज्ञान प्राप्त करने के पश्चात् प्रथम विहार की समवशरण स्थली है। क्षेत्र में कुल 5 मन्दिर हैं। यह क्षेत्र अतिशय क्षेत्र है।
मन्दिर पहाड़ी के शिखर व बनास नदी के तट पर होने के कारण बड़ा ही सुन्दर लगता है। मन्दिर के आसपास शान्तिपूर्ण वातावरण है और यहां दूर-दूर तक कोई बसावट नहीं है। प्राकृति प्रेमियों के लिये यह स्थान बड़ा सुन्दर है। इस स्थान पर दिन मे निजी वाहन से पहुचना उचित है। मन्दिर में वर्षभर दिगम्बर मतानुसार दर्शन होते हैं, परन्तु प्रतिवर्ष पोष मास कृष्ण की नवमी को श्वेताम्बर मत के अनुसार दर्शन होते हैं।
मन्दिर में दर्शन का समय: सुबह 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक
Shri Chanvaleshwar Parshvanath Digamber Jain Atishaya Kshetra Temple on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)टैक्सी या निजी साधन से पहुंचा जा सकता है। श्री चंवलेश्वर पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षे, ग्राम चेनपुरा, तह. मांडलगढ़ वाया काछोला, जिला-भीलवाडा.
सड़क:जहाजपुर से 36 किमी, मांडलगढ़ से 41 किमी., भीलवाडा से 55 किमी.।
रेलवे स्टेशन: मांडलगढ़ से 41 किलोमीटर।
एयरपोर्ट: सांगानेर एयरपोर्ट, जयपुर से 219 किलोमीटर, उदयपुर एयरपोर्ट से 216 किमी. किलोमीटर.

0 comments :
Post a Comment