ताड़केश्वर मन्दिर जयपुर (Famous Tarkeshwar Temple in Jaipur)

मुख्य​ शिवलिंग काले पत्थर का बना है। इसका व्यास 9 इंच है। इस मंदिर से पाराशर व्यास परिवार का संबंध हैं और नित्य पूजा अर्चना इसी परिवार द्वारा की जाती है।


ताड़केश्वर मन्दिर जयपुर (Famous Tarkeshwar Temple in Jaipur)

यदि आपको जयपुर के परकोटे में किसी प्राचीन मंदिर के दर्शन करने हैं, तो आप ताड़केश्वर मंदिर को चुन सकते हैं। यह एक शिव मंदिर है और मान्यता है कि यहां शिवजी की प्रतिमा भूमि के भीतर से अवतरित हुई है। चौड़ा रास्ता स्थित इस मंदिर का निर्माण 1784 ईस्वी में किया गया था। उस वक्त यहां धुंधरमीनाज गांव हुआ करता था।

मुख्य​ शिवलिंग काले पत्थर का बना है। इसका व्यास 9 इंच है। इस मंदिर से पाराशर व्यास परिवार का संबंध हैं और नित्य पूजा अर्चना इसी परिवार द्वारा की जाती है। मंदिर का फर्श संगमरमर का है। चौक के पास ही जगमोहन सभा हॉल है। इस हॉल में चार विशाल घंटे हैं, जिनमें प्रत्येक का वजन 125 किलोग्राम है। यहां एक पीतल का नंदी बैल है और गणेशजी की भी प्रतिमा है, जिनकी सूंड बाईं ओर है।

मंदिर की छत पर प्राचीन चित्रांकन है, जिसकी ओर आप बरबस निहारते रहते हैं। मंदिर शिल्प का अनुपम उदाहरण है और यह हवामहल, सिटी पैलेस, ईसरलाट, छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ से पैदल दूरी पर है, जो 500 मीटर से भी कम है।

मंदिर इतना सुविख्यात है कि महाशिवरात्रि पर्व पर राजस्थान की मुुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे भी यहां पूजा—अर्चना के लिए आती हैं।

मन्दिर में दर्शन का समय: सुबह 4 बजे से रात्रि 11.30 बजे तक

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कैसे पहुंचें (How To Reach)

सड़क: सिंधी कैम्प बस स्टेण्ड जयपुर से 2 किलोमीटर.
रेलवे स्टेशन: जयपुर जंक्शन से 3 किलोमीटर.
एयरपोर्ट: सांगानेर एयरपोर्ट, जयपुर से 14 किलोमीटर.

टैक्सी या निजी साधन से पहुंचा जा सकता है। जयपुर के विभिन्न इलाकों, बस स्टैंड एवं रेलवे स्टेशन से ​त्रिपोलिया गेट तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।


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