श्रीनगर से करीब 27 किलोमीटर दूर गान्दरबल जिले का तुल्ला मुल्ला गांव। आंतकी गतिविधियों के कारण संवदेनशील माना जाता है। इसी गांव में स्थित है प्रसिद्ध खीर भवानी मन्दिर। इसके बावजूद यहां आस्था का सैलाब नजर आता है। जेष्ठ शुक्ला अष्टमी को जब यहां मेला लगता है तो भक्तों की लम्बी कतार लग जाती है। एक खास बात यह भी यहां मन्दिर में चढ़ने वाले प्रसाद, दूध आदि बेचने वाले ज्यादातर मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति हैं। यहां पर खीर का प्रसाद चढ़ता है इसलिए यह मन्दिर खीर भवानी के रूप में प्रसिद्ध है।
वैसे तो यह मन्दिर कश्मीरी पण्डितों में मान्यता रखता है, लेकिन अब ऐसा यहां नजर नहीं आता। हर जाति, वर्ग, समुदाय के लोग यहां पूजा करते नजर आ जाएंगे। श्रीनगर घूमने आने वाले अधिकांश सैलानी यहां मां का आशीर्वाद लेने आते हैं। कहा जाता है कि भगवान श्री राम ने जब लंका पर चढ़ाई की थी तब वहां राघेन्या देवी निवास करती थी। युद्ध शुरू हुआ तो माता राघेन्या ने हनुमान जी से कहा कि वे अब लंका में नहीं रह सकतीं। अतः वे उन्हें हिमालय की पर्वतमाला में जहां रावण के पिता पुलतस्य मुनि निवास करते थे, छोड़ आए। हनुमानजी ने वैसा ही किया। राघेन्या माता ने यहां शिला का रूप धारण कर लिया। बाद में उन्होंने एक कश्मीरी पण्डित को नागिन के रूप में दर्शन दिए और उस स्थान पर ले गई जहां पर देवी को हनुमानजी ने छोड़ा था। उसके बाद यहं स्थान पूजनीय हो गया। बाद में 1912 में तत्कालीन राजा प्रतापसिंह ने इस मन्दिर का पुनर्निर्माण कराया।
यह मन्दिर चारों ओर से चिनार के पेड़ों से घिरा हुआ है। यहां दर्शनार्थियों के आवास के लिए आवश्यक सुविधाएं मौजूद है। सर्दी से बचाव के लिए नाम मात्र के शुल्क पर कम्बल उपलब्ध कराए जाते हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सेना के जवानों यहां मुस्तैद नजर आते हैं।
मन्दिर में दर्शन का समय:
मन्दिर दिनभर खुला रहता है
Kheer Bhawani Temple on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
सड़क: बस स्टेण्ड, बेमिना, श्रीनगर से 25 किलोमीटर.
रेलवे स्टेशन: श्रीनगर रेलवे स्टेशन से 31 किलोमीटर.
एयरपोर्ट: श्रीनगर एयरपोर्ट, जयपुर से 32 किलोमीटर.
श्रीनगर पहुंचने के बाद वहां से टैक्सी कार अथवा निजी साधन से यहां पहुंचा जा सकता है।

कई लोग चाहे कितनी ही कोशिश कर लें, लेकिन वे अपने धन को संभाल कर नहीं रख पाते. न चाहते हुए भी उन्हें लगातार पैसों का नुकसान होता ही रहता है.
ReplyDeleteऐसे में इसका कारण समझ पाना बहुत मुश्किल हो जाता है. कई बार लगातार पैसों के नुकसान का कारण वास्तु संबंधी दोष भी हो सकते हैं.
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