देश के शक्ति पीठों में पटना की ‘पटन देवी’ का मंदिर भी शामिल है। वैसे पटना, बिहार में पटन देवी के दो मंदिर हैं। छोटी पटन देवी तथा बड़ी पटन देवी। किंवदन्तियों के अनुसार शिव के तांडव के समय सती के शरीर के 51 खंड हुए थे। ये अंग जहां गिरे वहां शक्तिपीठ बनाए गए।
इन्हें भगवती पटनेश्वरी भी कहा जाता है। मंदिर परिसर में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की स्वर्णाभूषणों से जड़ित मूर्तियां विराजमान हैं। छोटी पटन देवी ग्राम देवी के रूप में पूज्य हैं और हर हिन्दू परिवार मांगलिक कार्य के बाद यहां आता है। इस मंदिर के पीछे एक बड़ा गड्ढा है, जिसे पटनदेवी खंदा कहते हैं। मान्यता के अनुसार इस स्थान से मूर्तियां अवतरित हुई थीं।
यहां वैदिक और तांत्रिक विधि से पूजा होती है। वैदिक पूजा सार्वजनिक होती है, जबकि तांत्रिक पूजा चंद मिनट की होती है। इस मौके पर विधान के अनुसार भगवती का पट बंद रहता है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसा यह मंदिर कालिक मंत्र की सिद्धि के लिए प्रसिद्ध है।
मन्दिर में दर्शन का समय: मंदिर दिनभर दर्शनार्थ खुला रहता है।
नवरात्रि में यहां महानिशा पूजा होती है और अर्धरात्रि की पूजा के बाद पट खुलते ही 2.30 बजे आरती होने के बाद मां के दर्शन को चामत्कारिक माना जाता है। नवरात्रि की महाष्टमी और नवमी को यहां मेला लगता है।
Choti Patan Devi Temple on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
सड़क: छिपुरा बस स्टॉप से 16 किलोमीटर.
सड़क: पटना जंक्शन से 11 किलोमीटर.
एयरपोर्ट: जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 20 किलोमीटर.
टैक्सी या निजी साधन से पहुंचा जा सकता है। पटना के विभिन्न इलाकों, बस स्टैंड एवं रेलवे स्टेशन से पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है।

इस बात से तो सभी परिचित है की भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक अवतार है भगवान श्री कृष्ण तथा उनकी प्रेमिका राधा देवी लक्ष्मी की अवतार मानी जाती है. देवी पुराण को छोड़ लगभग सभी पुराणों में यही बात कही गई है.
ReplyDeleteलेकिन देवी पुराण के अनुसार इस सम्बन्ध में अनेक ऐसी बाते बताई गई है जिससे सायद ही आप परिचित हो, आज हम आपको देवी पुराण से जुडी ऐसी बातो के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें सुन आप सच में आश्चर्य में पड़ जाएंगे.
हमारे सर्वेष्ठ पवित्र गर्न्थो में से एक है देवी पुराण, यह परम् पवित्र पुराण अपने अंदर अखिल शास्त्रो के रहस्यो के समेटे हुए, आगमो में अपना पवित्र स्थान रखता है. इस पुराण में 18 , 000 श्लोक है. इस पवित्र ग्रन्थ के रचियता महृषि वेदव्यास जी है.
तो आइये जानते है देवी पुराण से जुड़े ये विचित्र बाते.
भगवान कृष्ण थे माँ काली एवम राधा थी महादेव शिव की अवतार, देवी पुराण से जुडी हैरान करने वाली बाते !
Saadi hoti h yeha
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