यह मंदिर क्षेत्र न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे भारत में प्रसिद्ध अतिशय क्षेत्र है। यह क्षेत्र राजस्थान राज्य के करौली जिले में स्थित है। यह एक जैन मन्दिर है, लेकिन यह क्षेत्र सभी समाज के लोगों के लिये आस्था का केन्द्र है।
मन्दिर में मूलनायक प्रतिमा महावीर भगवान की है। मन्दिर में अतिप्राचीन कई अन्य प्रतिमाएं भी हैं। मन्दिर में मूल वेदी के आगे नई वेदी बनाई गई है। यहां आने वाले श्रद्धालु मन्दिर के बाहर की प्ररिक्रमा लगाते हैं, जिसके लिये मन्दिर के खुलने से रात्रि 9.30 बजे तक का समय निश्चित है। मन्दिर में सायंकाल की आरती के समय कर्णप्रिय भजन गाये जाते हैं। यहां क्षेत्रपाल बाबा का चौला भी चढ़ता है, जिसका समय वर्तमान में प्रातः 10 बजे से 11 बजे तक, दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक तथा सायंकाल 8 बजे से 9 बजे तक निश्चित है ।
मान्यता के अनुसार पूर्व समय में इस मन्दिर के पास एक टीला था, जिस पर एक गाय आती थी और गाय का दूध स्वतः ही टीले पर गिरता था। इस कारण गाय के ग्वाले द्वारा टीले की खुदाई की गई, तो वहां से भगवान महावीर की प्रतिमा निकली। इसके बाद भव्य मन्दिर बनाया गया और मूर्ति को मन्दिर में लाने का प्रयास किया गया, परन्तु जब तक ग्वाले द्वारा रथ के हाथ नहीं लगाया गया, तब तक रथ आगे नहीं बढ़ा।
मन्दिर के पास चरण चिन्ह छत्री है। मन्दिर में ध्यान केन्द्र, महावीर बाल वाटिका आदि बनी हुई हैं। मन्दिर के आसपास कई धर्मशालाएं हैं, जो सभी प्रकार की सुविधाओं से युक्त हैं। अल्पाहार केन्द्र, भोजनशाला व यात्री निवास भी बने हुये हैं। यहां प्राकृतिक चिकित्सालय भी है। आसपास अन्य जैन मन्दिर हैं।
मन्दिर में दर्शन का समय: सुबह 5 बजे से रात्रि 10 बजे तक
श्रीजी के प्रश्राल सुबह 6.15 बजे
आरती सांय 6.15 बजे
ऋतु के अनुसार समय में परिवर्तन हो सकता है।
(Shri Digambar Jain Atishay Kshetra Shree Mahaveer Ji on Google Map
कैसे पहुंचें (How To Reach)
सड़क:महावीर जी से 500 मीटर, हिण्डौन सिटी से 19 किलोमीटर।
रेलवे स्टेशन: महावीर जी से 8 किमी, हिण्डौन सिटी से 21 किलोमीटर।
एयरपोर्ट: सांगानेर एयरपोर्ट से 145 किलोमीटर।
महावीर जी व हिण्डौन सिटी से समय-समय पर साधन उपलब्ध हैं।

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